कृष्ण पक्ष द्वादशी
Mon, 17 Apr 2023April
2079 Rakshasa, शक सम्वत (Mumbai)
Planets | Sign | Degree | नक्षत्र | Charan |
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Ascendant | 15° 43′ 8″ | Uttarabhadrapad | 1 | |
सूर्य | 2° 33′ 25″ | अश्विनी | 1 | |
चंद्र | 20° 49′ 25″ | पूर्वभाद्रपद | 1 | |
मंगल | 17° 15′ 25″ | आर्द्रा | 4 | |
बुध | 20° 29′ 25″ | भरणी | 3 | |
गुरू | 28° 48′ 25″ | रेवती | 4 | |
शुक्र | 12° 33′ 25″ | रोहिणी | 1 | |
शनि | 10° 5′ 25″ | शतभिषा | 2 | |
राहु | 10° 21′ 25″ | अश्विनी | 4 | |
केतु | 10° 21′ 25″ | स्वाति | 2 | |
हर्षल | 23° 27′ 25″ | भरणी | 4 | |
नेप्चून | 2° 6′ 25″ | पूर्वभाद्रपद | 4 | |
प्लूटो | 6° 8′ 25″ | उत्तराषाढा | 3 |
Chaitra, Shukla Ekadashi
April 1, 2023 (Saturday)
Chaitra, Shukla Ekadashi
April 2, 2023 (Sunday)
Vaishakha, Krishna Chaturthi
April 9, 2023 (Sunday)
Vaishakha, Krishna Trayodashi
April 17, 2023 (Monday)
पंचांग 2021, अपने दिन के लिए अच्छी योजना बनाएं
आज का पंचांग या दैनिक पंचांग (panchang), हिंदू दिवस कैलेंडर या तिथि कैलेंडर के विषय में बताता है, जो खगोलीय पिंडों (चंद्रमा और नक्षत्र) की स्थिति और गति पर आधारित है। इसे अपार ज्ञानी और अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा सटीक गणना के आधार पर तैयार किया जाता है। आज का पंचांग में हिंदू कैलेंडर के अनुसार आज की तिथि को शामिल किया गया है, जिसे भारतीय कैलेंडर के नाम से भी जाना जाता है।
हालांकि ऑनलाइन दैनिक पंचांग ना केवल आज और कल की तिथि के बारे में सही ढंग से बताता है, बल्कि इससे आपको वार (दिन), हिंदू महीना, वर्ष (विक्रम संवत्), लग्न कुंडली, राशियों, नक्षत्र (नक्षत्र), योग (चंद्र-सूर्य दिवस) और उगते सूर्य (सूर्योदय) के समय के बारे में सबसे सटीक जानकारी मिलेगी। कई लोग कुछ शुभ काम शुरू करने से पहले पंचांग और उसके समय में विश्वास करते हैं । उसके लिए पंचांग आपको मुहूर्त और चौघड़िया का सही समय प्रदान करता है।
सबसे अच्छी बात, पंचांग आपको किसी खास दिन, व्रत तथा त्योहारों के बारे में बताएंगे, कर्ण (चंद्र दिन का आधा) चल रहे पखवाड़े किसका होगा – शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष (यह बढ़ता हुआ चंद्रमा या घटता हुआ चंद्रमा) और इसके अलावा बहुत कुछ बताता है।
हिंदू कैलेंडर या पंचांग ऊर्जा के पांच स्रोतों का प्रतिनिधित्व करता है। पंचांग एक संस्कृत शब्द है, जिसका अनुवाद पांच अंगों (अंग) के रूप में किया जाता है।इन्हें दिन के पांच खंडों में बांटा गया है, इसलिए इसे पंचांग के रूप में जाना जाता है। ये दोनों दृश्यमान और अदृश्य स्रोत और ऊर्जा के पहलू हैं, जैसे समय-क्षेत्र, तिथि, समय आदि।
ज्योतिषी, नवजात शिशुओं और दूसरे लोगों की कुंडली तैयार करने के लिए पंचांग का उपयोग करते हैं। पंचांग की मदद से जन्म कुंडली तैयार करके वे संभावित वर-वधु के लिए कुंडली का मिलान भी कर सकते हैं। किसी खास दिन के शुभ समय, चौघड़िया के बारे में अधिक जानने के लिए और श्रेष्ठ मार्गदर्शन के लिए हमारे ज्योतिषियों से बात करें।